ॐ
॥ वेदप्रणिहितो धर्मो ह्यधर्मस्तद्विपर्यय: ॥
गुरुबिन भवनिधि तरई न कोई
जो बिरंचि संकर सम होई
जो बिरंचि संकर सम होई
- सनातन धर्म की परंपरा का निर्वाह करते हुए पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन श्रीचन्द्रशेखर पंडितजी महाराज के समय से जगद्गुरु भगवान वेदव्यास की जन्म जयन्ती यानी गुरुपूर्णिमा (व्यास पूर्णिमा)का महोत्सव हम मानते आ रहे है ।
- सद्गुरु के प्रति हम भला क्या समर्पित कर सकते है? हमारे रक्त का कतरा कतरा भी बहा दे तो कम होगा । जीवन रूपी नौका के गुरु ही खेवैया है । गुरु पूजन और गुरु निर्दिष्ट मार्ग पर चल सके ,तो भी जीवन धन्य हो जाएगा ।
- प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी हम सभी गुरुपादुका पूजन एवं सत्संग में सन्मिलित हो गुरु के प्रति अपने अहोभाव प्रकट करे ।
- श्री सनातन धर्मानुरागी ट्रस्ट आपको सत्संग एवं गुरु पूजन हेतु आमंत्रित करता है ।
दिनांक : 19-7-2016
समय : 7:00 pm
स्थल : गुरुकुल स्कूल, हरणी वारसीया रींग रॉड ।
समय : 7:00 pm
स्थल : गुरुकुल स्कूल, हरणी वारसीया रींग रॉड ।
गुरुकृपा हि केवलम्
सद्गुरु देवकी जय
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