ॐ
॥ वेदप्रणिहितो धर्मो ह्यधर्मस्तद्विपर्यय: ॥
श्री सनातन वैदिक धर्मानुरागी
ट्रस्ट , वटोदरम्
संस्था के हेतु
- · ब्राह्मणत्व की रक्षा करना ।
- · वेद एवं वेदार्थ सार-संग्रह साहित्य का प्रकाशन करने लुप्तप्रायः वेद विज्ञानको विश्वकल्याण हेतु प्रगट करना ।
- · अद्यतन साधन-व्यवहारका करने हेतु वैदिक पध्धति से शिक्षणका प्रचार-प्रसार करना ।
- · राष्ट्र की एकता एवं अखंडितताके लिए तन-मन-धन से समर्पित होना ।
- · समय-शक्ति एवं आवश्यक्ता अनुसार “ इष्टापूर्त “ ( यज्ञयागादि / सामाजिक ) कार्यो के लिए अस्थायी समिति बनाकर कार्य समाप्ति होते ही समिति का विसर्जन करना ।
- · साधको के लिए अधिकार भेद से शिबिर इत्यादि का आयोजन करना ।
- · वैदिक समाजवादके आधार पर जन-समुदाय के हित में तत्पर रहकर विश्वकल्याणके लिए प्रयत्न करना ।
- · अहिंसा को शिरोमान्य करके भगवान श्रीराम और श्री कृष्ण के मार्ग पर चलकर, धर्म संस्कृति और राष्ट्रके रक्षणके लिए तत्पर रहना ।
- · पंचायतन पूजा की पुनः स्थापना करके सांप्रदायिक संघर्षो को दूर करना ।
ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापरः।
श्र्लोकार्धेन प्रवक्ष्यामि
यदुक्तंग्रन्थ कोटिभिः ॥
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