हिंदु जनता इसका कड़ा विरोध करे और
इस बहरूपिए के उद्देशको सफल न होने दे।
यह अच्युतानंद केवल बहुरूपिया है। मनघडत बाते बनाकर लोगोकी आस्थाके साथ ठगाई कर रहा है। कल ये अपना अभिषेक द्वारिकापीठके शंकराचार्यके रूपमें करवाना चाहता है। हिंदु जनता इसका कडा विरोध करे।
आजकल ऐसे बहुरूपिए बहुत है। ये लोग अपने को भगवान कहलवाते है, शंकराचार्य बन बैठते है। इनको electric shock देना चाहिए, जैलमें डाल देना चाहिए ....ताँकि दूसरीबार कोई दु:साहस न करे।
इनके कारण हमारे आचार्योको स्पष्टीकरण देना पडता है । हमारे द्वारा विरोध प्रदर्शन हो । इसको अंकुरित होने से पूर्व ही रोकना होगा। केवल जय हो, जय हो कहनेसे गुरुभक्ति नहीं हो जाएगी।
सभी साथ मिलकर विरोध करे यह आवश्यक है। और यह विरोध केवल संन्यासीओको ही नहीं, सभी हिन्दूओंको करना चाहिए ,हमे करना चाहिए। दक्ष यज्ञका विध्वंश वीरभद्रजी करे, स्वयं भगवान शंकरको कष्ट न उठाना पडे । मेरा सभी सनातन मतावलंबीओं से अनुरोध है कि विरोध करे। इतना विरोध हो की भारतभरमें गुंज सुनाइ दे।
- डॉ गार्गी पंडित।