Tuesday 1 September 2015


 वेदप्रणिहितो धर्मो ह्यधर्मस्तद्विपर्यय: 

गलद्दानगण्डं मिलद्भृङ्गखण्डं चल्च्चारुशुण्डं जगत्त्राणशौण्डम् 

लसद्दन्तकाण्डं विपद्भङ्गचण्डं शिवप्रेमपिण्डं भजे वक्रतुण्डम्



  • भारत का सनातनमतावलंबी कौन ऐसा व्यक्ति होगा जो गणपतिका पूजन करता हो? और विशेषरूप से शांकरमतानुयायी पंचायतन पूजा में तो ये है ही कि गणेश सभी के अभीष्ट ठहरे l शास्त्र में निर्देश है कि किसी भी मंगलकार्यका प्रारंभ भगवान गणेशके पूजन से हो l इसी कारणवश नूतन कार्य का प्रारंभ करना हो तो कहते है इसका श्रीगणेश कब हो रहा है?
  • गणेशकी स्तुती करते हुए भगवान शंकराचार्य कहते है ,
     " जिन्होंने बडे आनंद से हाथ में मोदक लिया है, जो सदा मुमुक्षुजनोंकी मोक्षाभिलाषाका सिद्धि करनेवाले    है, चन्द्रमा जिनके भालप्रदेशके भूषण है, भक्तिभाव से विलसित मनवाले लोगोके मन को जो आनंदित करते है, जिनका कोई स्वामी अर्थात् नायक नहीं पर जो सभी के एकमात्र ना़यक है, गजासुरके संहारक, नत मस्तक हुए भक्तगणोंके अशुभ तत्काल हरनेवाले भगवान विनायक को प्रणाम हो l


गय गणेश 
 गं गणपतये नमः 
   ॥ अनायकैकनायकं नमामि तं विनायकम्    




 वक्ता  : डॉ गार्गी पंडित 

 दिनांक : १३/०९/२०१५ 
  समय : रात्रि ७:३०  
स्थल : श्री सर्वानंद हॉल , 
हरणी-वारसीया रींग रोड , वड़ोदरा
 निमंत्रक:
 श्री सनातन वैदिक धर्मानुरागी ट्रस्ट । 
E-Mail Id :-  adhr230807@gmail.com


 Facebook Page :-  Sanatan Dharmanuragi Trust

Instagram :-  daxinamurti 


Contact Details : 9173084450 / 9724998199 

 










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